Raigarh News: रायगढ़. राज्य रेडक्रॉस के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सह जनरल सेक्रेटरी एम.के. राउत एवं चेयरमेन अशोक कुमार अग्रवाल की उपस्थिति में जिंदल गेस्ट हाऊस में भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी की जिला स्तरीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा उपस्थित रहे।
राज्य रेडक्रॉस के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सह जनरल सेक्रेटरी एम.के.राउत ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि रेडक्रॉस दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ है जिसका उद्देश्य लोगों में सामाजिक भावना जागृत कर नि:स्वार्थ भाव से कार्य करना है। बैठक में उन्होंने जिला शाखा रेडक्रॉस की वर्तमान गतिविधियां, रेडक्रॉस दवा दुकान, ब्लड सेंटर और एंबुलेंस का संचालन, नि:क्षय मित्र अभियान पर चर्चा, सदस्यता अभियान, प्राथमिक सहायता प्रशिक्षण, शालाओं एवं महाविद्यालयों में रेडक्रॉस का गठन एवं गतिविधियों का संचालन, स्कूल-कालेजों के छात्राओं को फस्र्ट एड प्रशिक्षण दिया जाना, ब्लड डोनेट करने के लिए जनजागरूकता लाने, प्रत्येक गांवों में रेडक्रॉस वालेन्टियर नियुक्त करने, रेडक्रॉस सदस्यता अभियान चलाये जाने जैसे विभिन्न महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए एवं आवश्यक निर्णय लिया गया।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी सह जनरल सेक्रेटरी एम.के.राउत के द्वारा दान, सदस्यता अभियान के संबंध में जानकारी लेने पर सीएमएचओ डॉ.मधुलिका सिंह ठाकुर ने बताया कि दिए गए लक्ष्य पर कार्य किया जा रहा है। वहीं लक्ष्य प्राप्ति हेतु विस्तृत कार्ययोजना बनायी जा रही है। इसके साथ ही स्कूल व कालेज में नये सदस्य बनाये जा रहे है। जिस पर श्री राउत ने शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग से सदस्यता शुल्क के संबंध में चर्चा की। उन्होंने अधिक से अधिक सदस्य बनाने हेतु निर्देशित किया। सीएमएचओ ने बताया कि रेडक्रॉस द्वारा एम्बुलेंस संचालित की जा रही है। इसके साथ ही ब्लड बैंक का भी संचालन किया जा रहा है एवं रेडक्रास वाहन द्वारा ब्लड कैम्प के माध्यम से ब्लड संग्रहण किया जा रहा है। वहीं रेडक्रास मेडिकल स्टोर संचालन के संबंध में श्री राउत ने कलेक्टर श्री सिन्हा से चर्चा की। उन्होंने नि:क्षय मरीजों के द्वारा सहायता लेने व उनको सहयोग देने हेतु सहमति के संबंध में चर्चा करते हुए दिए जा रहे फूड बास्केट की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि इलाज प्रारंभ होने के साथ ही उन्हें सप्लीमेन्ट्री फूड बास्केट प्रदान किया जाना सुनिश्चित किया जाए, जिससे बेहतर रिजल्ट मिल सके। इस दौरान रेडक्रास द्वारा वृद्धाश्रम, पुनर्वास केन्द्र, नशामुक्ति केन्द्र के संबंध में भी जानकारी ली। उप संचालक श्री भवाल ने बताया कि अनुदान प्राप्त निजी संस्थानों के माध्यम से जिले में सभी प्रकार की संस्थाएं संचालित है।
इस अवसर पर आयुक्त नगर निगम सुनील चंद्रवंशी, एसडीएम गगन शर्मा, उप संचालक समाज कल्याण आलोक भवाल, डॉ.आर.एन.मण्डावी, अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग एम.एस.नायक, संतोष अग्रवाल, राजकुमार गोयल, संतोष टिबरेवाल, संजीव चौहान, गोपी ठाकुर, बी.के.सिंग, दिनेश कुमार अग्रवाल, युसुफ छाया एवं रेडक्रॉस से जुड़े सदस्य उपस्थित रहे।
पंचायत स्तर पर डिजास्टर मैनेजमेंट एवं फर्स्ट एड के लिए तैयार किए जायेंगे वेलेन्टियर
मुख्य कार्यपालन अधिकारी सह जनरल सेक्रेटरी एम.के.राउत ने कहा कि डिजास्टर मैनेजमेंट एवं फर्स्ट एड के लिए वेलेन्टियर तैयार करने हेतु पंचायत स्तर पर पंचायत सचिवों अथवा राजीव युवा मितान क्लब के सदस्यों को ट्रेनिंग देने संबंधी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। जिससे ग्राम पंचायत स्तर पर उन्हेें ट्रेनिंग प्रदान कर ट्रेंड वेलेन्टियर के रूप में तैयार किया जा सके। इस दौरान उन्होंने शिक्षा विभाग को प्रत्येक स्कूलों में भी फर्स्ट एड से संबंधित ट्रेनिंग संचालित करने के निर्देश दिए।
जिला अस्पताल में लगेगा ब्लड कंपोनेट सेपरेटर मशीन, कलेक्टर ने दिए प्रपोजल तैयार करने के निर्देश
मुख्य कार्यपालन अधिकारी सह जनरल सेक्रेटरी एम.के.राउत ने ब्लड से संबंधित सुझाव देते हुए बताया कि ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर मशीन के माध्यम से एक यूनिट ब्लड से कई लोगों की जरूरतें पूरी की जा सकती है। जिस पर कलेक्टर श्री सिन्हा ने ब्लड कंपोनेट सेपरेटर मशीन लगाने हेतु सीएमएचओ को प्रपोजल बनाने के निर्देश दिए। ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर मशीन जिला अस्पताल में लगायी जाएगी। जिससे ब्लड के कंपोनेंट अलग किए जाएंगे और जरूरतमंद मरीजों को चढ़ाए जाएंगे। इस मशीन से डेंगू, एड्स, बर्न और थैलेसीमिया के मरीजों को जरूरी ब्लड मिल सकेगा। ऐसे मरीजों जिनको लाल रक्त कणिकाएं (आरबीसी) की जरूरत होती है। अब ब्लड से आरबीसी अलग करके मरीजों को चढ़ाना आसान होगा। डेंगू के मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाए जाते हैं। इस मशीन से खून से प्लेटलेट्स अलग से मिल पायेंगे। बर्न केस के मरीजों को बचाने के लिए प्लाजमा की जरूरत होती है। इस मशीन से अब प्लाजमा अलग कर चढ़ाए जा सकेंगे। इसी प्रकार एड्स के मरीजों को श्वेत रक्त कणिकाएं (डब्ल्यूबीसी) की जरूरत होती है। यह मशीन खून से डब्ल्यूबीसी को अलग करने में भी कारगर होती है।