रायगढ़ के मेडिकल कॉलेज मे पदस्थ डॉक्टर्स की लापरवाही की भेंट एक 19 साल की युवती चढ़ गई. गलत इंजेक्शन लगाने के 5 दिन बाद रायपुर के मेकाहारा मे युवती का हाथ काटना पड़ा है. ईधर युवती के परिवार और समाज के लोगों मे अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश है. समाज ने युवती के लिए न्याय की मांग की है. वहीं परिजन कहते हैं कि युवती को सरकारी नौकरी मिले.. अथवा लापरवाह डॉक्टर के तनख्वाह का एक हिस्सा मिलना चाहिए.
लापरवाही की गढ़ मेडिकल कॉलेज अस्पताल मे यदि आप इलाज कराने की सोच रहे हैं तो ज़रा सम्भल जाइये.. इस अस्पताल मे मरीजों की जान से खिलवाड़ होती है. मरीज जिए या मरे.. इससे अस्पताल प्रबंधन को कोई सरोकार नहीं है. इस अस्पताल मे तो मरीजो का अब गलत ट्रीटमेंट भी होना शुरू हो गया है. 4 अगस्त को एक युवती उल्टी दस्त की शिकायत लेकर गई तो डॉक्टर ने न जाने ऐसा कौन सा इंजेक्शन लगा दिया कि युवती का हाथ इन्फेक्टेड हो गया. और इंजेक्शन लगाने के 5 दिन बाद रायपुर के मेकाहारा मे उसका हाथ काटना पड़ गया. शनिवार को दोपहर करीब दो बजे डॉक्टर्स ने युवती का इन्फेक्टेड हाथ काटकर अलग किया है. ईधर मेडिकल कॉलेज की लापरवाही पर युवती की परिजन के साथ समाज के लोगों मे आक्रोश बढ़ता जा रहा है. शनिवार को समाज के लोगों ने युवती के घर मे एक बैठक रखी. जिसमे उनके अगले स्टेप को लेकर रणनीति बनी. समाज के लोगों ने कहा कि अस्पताल की लापरवाही से वो चुप नहीं रहेंगे. बल्कि इसके लिए आवाज उठाई जाएगी. अगर न्याय नहीं मिला तो सड़क की लड़ाई लड़ी जाएगी.
जिस युवती का मेडिकल कॉलेज मे गलत तरीके से उपचार हुआ है.. वो रायगढ़ के मिट्ठूमुड़ा की रहने वाली है. युवती का नाम मुस्कान रात्रे है.. जो अभी सिर्फ 19 साल की है. शनिवार को हमारी टीम मुस्कान के घर पहुंची. जहाँ पूरा परिवार गमगीन नज़र आया. परिवार के माध्यम से हमे ये जानकारी मिली कि मुस्कान के पापा अब इस दुनिया मे नहीं हैं. जबकि मुस्कान सहित उसकी अन्य तीन बहनो की जिम्मेदारी उसकी माँ पर है. वैसे तो मुस्कान की अन्य 5 बहने हैं. मगर 3 बहनो की शादी हो चुकी है. जबकि 3 लड़कियो का भार माँ पर है. मुस्कान की माँ किसी तरह मजदूरी करके अपना और बेटियों का पेट पाल रही थी. इसी बीच बीते 4 अगस्त को मुस्कान को उल्टी दस्त हुई, जिसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज मे लेकर गए थे. जहाँ डॉक्टर्स ने बड़ी लापरवाही कर दी. और अब मुस्कान का हाथ कट चुका है. बहरहाल, मुस्कान के लिए परिवार के लोगों का कहना है कि मुस्कान को न्याय मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि या तो मुस्कान को सरकारी नौकरी मिले.. या फिर उस लापरवाह डॉक्टर का आधा वेतन दिया जाए… जिसकी वज़ह से मुस्कान का हाथ कटा है.
मेडिकल कॉलेज मे यह कोई पहला मामला भी नहीं है.. जहाँ डॉक्टर्स की ऐसी लापरवाही उजागर हुई है. इससे पहले भी अनेको बार लापरवाही हुई.. मगर सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की. लेकिन इस मामले मे भी यदि कार्रवाई नहीं होती है तो जनता का आक्रोश और बढ़ेगा. वैसे भी जनता का अब मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्रति भरोसा तो रहा नहीं है.