रायगढ़. शहर में जल भराव समस्या को देखते हुए निगम प्रशासन द्वारा नाला, नाली की सफाई के लिए स्वास्थ्य विभाग, इंजीनियर एवं स्वच्छता कमांडो की टीम को लगाई गई है। सोमवार को 11 अलग-अलग क्षेत्र की नली, नालियों की सफाई कराई गई, जिससे कुछ घंटे में पानी भरने की समस्या से मोहल्लेवासियों को छुटकारा मिला।
लगातार हो रही बारिश से शहर के विभिन्न क्षेत्र में जल भराव की स्थिति निर्मित हो रही है। इसमें निगम प्रशासन द्वारा बाढ़ राहत कार्य के लिए अधिकारी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है, जिसमें कंट्रोल रूम से लेकर नोडल अधिकारी, सहायक नोडल अधिकारी एवं विभिन्न क्षेत्रों के प्रभारी नियुक्त किए गए हैं, जो अपने अपने क्षेत्र की सतत निगरानी बनाए हुए हैं। सोमवार को शहर के वार्ड क्रमांक 14 पैठुडबरी क्षेत्र, तेंदू डीपा,वार्ड क्रमांक 17 गर्ल्स कॉलेज, पुरानी हटरी, फ्रेंड्स कॉलोनी, भगवानपुर नाल वार्ड क्रमांक 45, वार्ड क्रमांक 30 रिलैक्स होटल, वार्ड क्रमांक 34 कोल्ड स्टोरेज, वार्ड क्रमांक 33 बिसन राइस मिल नवापारा, वार्ड क्रमांक 27 पंजरी प्लांट आदि स्थानों में जल भराव होने की शिकायत मिल रही थी, जिससे निगम की अलग-अलग टीम लगाकर सभी क्षेत्र के नालों की सफाई करने के साथ जेट पंप से पानी निकाला गया। नालों की सफाई होने से संबंधित क्षेत्र में पानी निकासी बहाल हुआ और कुछ ही घंटे में स्थिति सामान्य हुई। इस दौरान गर्ल्स कॉलेज में जेट पंप लगाकर पानी को निकाल लिया गया। इसी तरह मैन्युअल पद्धति से गैंग लगाकर और एक्सीवेटर के माध्यम से नालों की सफाई कराई जा रही है एवं जेट पंप के माध्यम से जल भराव क्षेत्र में पानी निकालने का काम किया जा रहा है। निगम के तकनीकी एवं प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जल भराव स्थानों में उपस्थित रहकर कार्य कराया जा रहा है। सभी वार्ड के प्रभारियों को अपने अपने क्षेत्रों की सतत निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
हटाए गए अतिक्रमण रिक्शा वाला को मिला आशियाना
सोमवार को निगम की अतिक्रमण टीम द्वारा बेटी बचाओ चौक पर महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट स्थापित करने के लिए ट्रांसफार्मर के पास बेजा कब्जा हटाया गया। यहां पर शहर के ही एक रिक्शा वाला अस्थाई तौर पर प्लास्टिक छा कर रहता था। बरसात के दिनों में तेज हवाओं से यह प्लास्टिक भी उड़ जाता। शुरुआत में बेजा कब्जा हटाने गए निगम की टीम ने रिक्शा वाले से जानकारी ली। इसपर उसने अपना नाम बाबूलाल बताया। उसने बताया कि उसका कोई अपना घर नहीं है और रिक्शा चलाकर गुर्जर बसर करता है। बरसात आने पर उसने ट्रांसफार्मर के पास ही अस्थाई तौर पर प्लास्टिक लगाकर अपने लिए रहने सोने का व्यवस्था किया था, जिसे निगम प्रशासन ने हटाते हुए बाबूलाल को सावित्री नगर स्थित आईएएचएसडीपी पर तत्काल विस्थापित किया गया। इसतरह रिक्शा वाला बाबू लाल को अपना आशियाना मिला।