फिलहाल रायगढ़ में कांग्रेस के बंद का कुछ खास असर देखने को नहीं मिला, वह इस लिए कि चेम्बर ऑफ कामर्स ने कांग्रेस के इस प्रदेश व्यापी आंदोलन से अपने आपको पूरी तरह से अलग-थलग रखा और बंद का समर्थन नहीं किया। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के बंद के दौरान स्कूल कॉलेजों को भी बंद कराने के मंसुबों पर पुलिस और प्रशासन ने पानी फेर दिया। एसडीएम रायगढ़ प्रवीण तिवारी ने जानकारी दी कि सभी स्कूल अपने शेड्यूल के अनुसार बिना व्यवधान संचालित रहे। स्कूलों में कक्षाएं लगी और पढ़ाई भी होते रही। कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने एसडीएम रायगढ़ और जिला शिक्षाधिकारी सहित जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देशित किया था कि कि सभी स्कूलों के सुचारू संचालन के लिए विशेष सतर्कता बरती जाए। जिससे बच्चों या पालकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
कवर्धा में पुलिस की बर्बरता के खिलाफ कांग्रेस का छत्तीसगढ बंद का रायगढ़ में भी असर देखने को मिला। सुबह से ही कांग्रेसी सड़क पर उतर गये और व्यापारियों को बंद का समर्थन करते हुए दुकानें बंद करने की अपील करते रहे। यही वजह रही कि दोपहर 12 बजे तक शहर के अधिकांश इलाकों में दुकान और प्रतिष्ठान बंद रहे। हालांकि दोपहर के बाद दुकानें खोल दी गई और जनजीवन सामान्य हो गया। बंद के दौरान पुलिस और प्रशासन की टीम भी पूरी तरह से अलर्ट रही।
प्रदेश में लगातार बिगड़ती कानून व्यवस्था और हाल ही में कवर्धा में सामने आयी पुलिस की बर्बरता के खिलाफ कांग्रेस ने 21 सितंबर को छत्तीसगढ़ बंद का आव्हान किया था। इसके लिए शुक्रवार को ही कांग्रेसियोें ने सड़क पर उतर कर रैली के माध्यम से हर वर्ग के व्यापारियों से बंद का समर्थन करते हुए अपनी दुकानें सुबह 6 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे तक बंद रखने की अपील की गई थी। लिहाजा शनिवार को प्रदेशव्यापी इस बंद को सफल बनाने के लिए पूर्व विधायक के नेतृत्व में कांग्रेसी फिर से सड़क पर उतर गये। हालांकि सुबह के समय शहर की अधिकांश दुकानें बंद दिखी। जो दुकानें खुली भी थी उसे कांग्रेसियों ने जाकर बंद करा दिया। कांग्रेसी सभी स्कूलों को भी बंद कराना चाहते थे। इसके लिए वे प्राइवेट और सरकारी स्कूलों को बंद कराने के लिए भी पहुंचे मगर उन्हें बंद नहीं करा सके क्योंकि बंद के मद्देनजर पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट मोड पर थी। एक तरफ एसडीएम जहां खुद शहर में भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे थे तो वहीं पुलिस की अलग-अलग टीम प्राइवेट और सरकारी स्कूलों और कॉलेजों के बाहर तैनात थी ताकि बंद का शिक्षा व्यवस्था पर कोई असर न पड़ सके।
इस दौरान कार्मेल स्कूल को बंद कराने के लिए पहुंचे कांग्रेसियों और पुलिस के बीच कुछ समय के लिए छुटपुट विवाद की स्थिति भी निर्मित हो गई जिसको लेकर भी कांग्रेसियों ने जमकर प्रदर्शन किया। जबकि शहर के दूसरे इलाकों में बंद के दौरान किसी भी प्रकार के भी विवाद की खबर सामने नहीं आयी। हालांकि कांग्रेस का बंद दोपहर 1 बजे तक का था मगर शहर में दोपहर 12 बजे के बाद से ही दुकानें खुलने लगी और जनजीवन सामान्य होता चला गया।