इसी महीने दिसंबर में नगरीय निकाय चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान हो सकता है और कभी भी आचार संहिता लागू हो सकती है। यूं तो कांग्रेस और भाजपा दोनों ही राजनैतिक दलों की ओर से इसके लिए पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी गई हैं और अब उन्हें मात्र चुनाव के तारीखों का ऐलान है मगर उससे पहले जो सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया थी उसका भी सभी राजनैतिक दलों के अलावा सभी मौजूद जनप्रतिनिधियांे का था क्योंकि उसी से उसी पर उनका राजनैतिक भविष्य निर्भर करता है और वह था वार्डों के आरक्षण का….।
हर साल नगरीय निकाय चुनाव से पहले जनसंख्या के आधार पर वार्डों का आरक्षण तय किया जाता है। शासन से निर्देश मिलने के बाद गुरूवार को यह प्रक्रिया कलेक्टोरेट स्थिति सृजन कक्ष में संपन्न हुई जहां सबसे पहले रायगढ़ नगर निगम वार्डों का आरक्षण तय किया गया जिसमें वार्ड नंबर 4, 11, 33, 36, 38 अनुसुचित जाति वर्ग के लिए, वार्ड नंबर 29, 31, 37 अनुसूचित जाति वर्ग महिला के लिए, वार्ड नंबर 3, 5, 46 अनुसुचित जनजाति वर्ग, वार्ड नंबर 41, 47 अनुसूचित जनजाति वर्ग महिला, वार्ड नंबर 1,16, 17, 18, 23, 27, 42 अन्य पिछड़ा वर्ग और वार्ड नंबर 08, 14, 22, 39 अन्य पिछड़ा वर्ग (महिला) के लिए आरक्षित किया गया तो वहीं वार्ड नंबर 7, 9, 10, 12, 13, 15, 19, 20, 21, 24, 28, 30, 32, 34, 43, 45, 48 सामान्य वर्ग और वार्ड नंबर 02, 06, 25, 26, 35,40,44 सामान्य वर्ग (महिला) के लिए आरक्षित कर दिया गया है।
नगरीय निकाय चुनाव के लिए वार्डों के आरक्षण की स्थिति स्पष्ट होने के बाद अब राजनैतिक दल भी चुनाव की तैयारियों में जुट गये हैं। हालांकि इस आरक्षण की कैची ने कई जनप्रतिनिधियांे के राजनैतिक पतंग की डोर को भी काट दिया है जिसके चलते अब उन्हें दूसरी जगह मैदान तलाशनी पड़ सकती है। फिलहाल आरक्षण की स्थिति तय होने के बाद अब राजनैतिक दल चुनावी मंथन में जुट गये हैं।