छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए सख्त आदेश जारी किये हैं और सभी जिलों में कलेक्टर और एसपी को इसका पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। ऐसे में कोर्ट के आदेश के परिपालन में शनिवार को पुलिस-प्रशासन ने सभी ट्रांसपोर्टर और डीजे संचालकों की एक बैठक ली और दो टूक शब्दों में कह दिया है कि जिस गाड़ी में डीजे लगेगा उसकी परमिट निरस्त कर दी जायेगी और वाहनों को भी जब्त कर लिया जायेगा।
ध्वनि प्रदूषण पर दायर एक जनहित याचिका पर उच्च न्यायालय ने एक बड़ा आदेश जारी किया है। कोर्ट ने आदेशित किया है कि अधिकारी ध्वनि प्रदूषण के मामले में सकारात्मक कार्रवाई करें ना कि किसी नागरिक के फोन का इंतजार करें। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि पर्यावरण मंडल को भी इस मामले में शिकायत दर्ज कराना होगा। इसके लिए शासन स्तर पर भी सभी कलेक्टर और एसपी को सर्कुलर जारी किया गया है जिसके परिपालन में शुक्रवार को एसडीएम और एडिशनल एसपी की मौजूदगी में पुलिस कंट्रोल रूम में ट्रांसपोर्टरों और डीजे संचालकांे की बैठक ली गई। बैठक में सभी सदस्यों को उच्च न्यायालय द्वारा ध्वनि प्रदूषण के संबंध में जारी किये गये दिशा निर्देशों की जानकारी दी गई।
बैठक में एसडीएम ने कहा कि इस साल डीजे पूर्णतः प्रतिबंधित है। किसी भी वाहन में डीजे या साउन्ड बॉक्स नहीं लगाया जाएगा। किसी भी वाहन पर साउंड बॉक्स नहीं बजना चाहिए। वाहन में साउंड बॉक्स मिलने पर साउंड बॉक्स जब्त कर वाहन का रिकॉर्ड रखा जाएगा। जब्त साउंड बॉक्स को कलेक्टर और जिला दण्डाधिकारी के आदेश के बाद ही छोड़ा जाएगा और यदि दूसरी बार वाहन को पकड़ा जाता है तो उस वाहन का परमिट ही निरस्त कर दिया जाएगा। उच्च न्यायालय के आदेश के बिना उस वाहन को कोई भी नया परमिट जारी नहीं किया जाएगा। हालांकि संघ के सदस्यों ने सभी नियमों का पालन करने का भरोसा दिलाया है।