जूटमिल क्षेत्र को कलेक्टोरेट से जोड़ने वाले केलो सेतु की हालत काफी जर्जर हो गयी है। पुल में जगह-जगह गड्ढे हो गये हैं जहां हल्की सी बारिश के बाद पानी भर जाता है और लोगों की परेशानी बढ़ जाती है। बावजूद इसके न तो जिला प्रशासन और न ही नगर निगम इस पुल की हालत की दिशा में कोई पहल की जा रही है।
चक्रधरनगर क्षेत्र को जूटमिल इलाके से सीधे जोड़ने और लोगों के आवागमन को सुगम बनाने के लिए ही कई साल पहले केलो नदी पर एक सेतु यानि ब्रिज का निर्माण किया गया था। इस ब्रिज के
बन जाने से जूटमिल की ओर से कलेक्टोरेट को आने और चक्रधरनगर क्षेत्र से जूटमिल की जाने के लिए लोगों को काफी सुविधा मिलने लगी। चूंकि आवागमन के लिहाज से यह ब्रिज काफी महत्वपूर्ण साबित हो रही है लिहाजा इसपर ट्रैफिक का दबाव भी ज्यादा रहता है। बावजूद इसके न तो नगर निगम ने और न ही जिला प्रशासन ने इस ब्रिज के मेंटनेंस पर ध्यान दिया। यही वजह है कि आज की स्थिति इस पुल में जगह-जगह गड्ढे हो गये हैं जिसके चलते आवागमन करने वालों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
हल्की सी बारिश होते ही इन गड्ढों पर पानी भर जाता है और आने-जाने वालों को दिक्कतें होने लगती है। कई बार तो जर्जर सड़क के कारण दुर्घटनायें भी यहां हो चुकी हैं। इस पुल की हालत इस कदर खराब हो चुकी है कि यहां से गुजरते दौरान लोगों को हिचकोले खाने पड़ते हैं। यही वजह है कि इस पुल के जीर्णोद्धार की माग भी अब उठने लगी है।