रायगढ़. बीते सालों की तरह इस बार भी कार्डिनल रोटी बैंक दीवाली त्यौहार को गरीब-जरूरतमंदो-अनाथ आश्रम-वृद्धा आश्रम में मना रही है। 3 साल से कार्डिनल ग्रुप सामाजिक सहयोग से हर घर दीवाली मना रहा है। लोग स्वस्फूर्त पटाखे, मिठाइयां और कपड़े संस्था में दे रहे हैं जिसे कार्डिनल रोटी बैंक दीवाली के पहले जरूरतमंदों में वितरित करेगा। इसके लिए संस्था ने लोगों से सहयोग की अपील की है। ताकि वह अधिक से अधिक लोगों के चेहरे पर दीवाली के दिन खुशियां बिखेर सकें।
दीवाली के अलावे शहर में कोई आयोजन जैसे जन्मदिन, विवाह, दशकर्म व ऐसा कार्यक्रम जहां भोजन की व्यवस्था हो और वह बच गया हो तो लोग अब उसे फेंकते नहीं गरीब और जरूरतमंदों के बीच बांटकर उनके चेहरों पर खुशी और जरूरत को पूरा कर रहे हैं। उन्हें इस अन्नदान के पुण्य का भागी बना रहे हैं रोटी बैंक जो शहर के युवाओं का समूह कार्डिनल चार्जर्स की मुहिम है। रोटी बैंक ने बीते तीन सालों से बचे हुए खानों को जरूरतमंदों तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। सिर्फ बचे हुए खाने नहीं लोग अब उन्हें अपने परिजनों के जन्मदिन, पुण्यतिथि, वर्षगांठ या किसी खास दिन इत्यादि में गर्मागर्म भोजन बनवाकर बंटवा रहे हैं।
हर महीने कम-से-कम 7 दिन लोग संस्था के माध्यम से गर्म खाना बनवाकर वितरित करवा रहे हैं।
संस्था के अध्यक्ष अरूण उपाध्याय ने बताया “रायगढ़ दानवीरों की नगरी है। जिनके पास अतिशेष कपड़ा, मिठाई, पटाखे या फिर जो स्वेच्छा से दान करना चाहते हैं उनके लिए बस हम एक जरिया हैं। लोग 11 अक्टूबर तक हमें सामान दे सकते हैं फिर इसी दिन से हम इसे बांटना शुरू करेंगे। दीवाली के दिन घर किसी घर में इसकी खुशियां महकें। गरीब-वंचितों के लिए हम लगातार खाना पहुंचाते रहे हैं तो दीवाली में उन्हें क्यों छोड़ दे। शहर के कई लोगों ने हमारी मुहिम को सराहा है फिर चाहे वह डॉक्टर, नेता, पत्रकार, आमोखास कोई भी हो। सभी ने वीडियो संदेश बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया है लोगों का अच्छा रिस्पांस आ रहा है यह हमारे विश्वास को और बढ़ाता है। “
विदित हो कि लॉकडाउन की दूसरी लहर में कार्डिनल चार्जर्स ने कोई भूखा न रहे नाम से मुहिम चलाई थी। निःशुल्क 400 लोगों को प्रतिदिन भोजन की व्यवस्था 51 दिन तक कराई थी। इनकी इस मुहिम में शुरुआत में सदस्यों ने अपना पैसा लगाया, जैसे ही इसके बारे में लोगों की पता चला लोग इनकी मदद को आगे आने लगे। फिर अंत में एक बार फिर सदस्यों ने आपस में चंदा कर मुहिम तो तब तक जारी रखा जब तक संक्रमण दर कम न हो गई।
अब यह ग्रुप रोटी बैंक के माध्यम से बीते 3 साल से जरूरतमंद और गरीबों के बीच आपके शेष भोजन को पहुंचा रहा है और उन्हीं के साथ दीवाली मना रहा है।
कार्डिनल चार्जर्स के आशीष डनसेना बताते हैं कि बीते सालों से लोग हमसे जुड़े हैं और दीवाली के पहले से ही यथासंभव समान दे रहे हैं। हर घर मुस्कान वाली दिवाली का प्रचार माउथ पब्लिसिटी से ज्यादा हुआ। नतीजा यह हुआ कि कोई हमारे पास आकर सामान दे रहा है तो किसी के पास टीम जा रही है। लोग पटाखे, मिठाई, नए और पुराने कपड़े अपनी स्वेच्छा से दे रहे हैं।
कार्डिनल रोटी बैंक ने बनाया अपना अलग मुकाम
कार्डिनल रोटी के अध्यक्ष अरुण उपाध्याय बताते हैं कि उनकी टीम में 12 वर्ष से लेकर 45 वर्ष तक के युवा हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में काम करते हैं। समाजसेवा और खेल सबकी सामान्य रुचि है। कार्डिनल चार्जर्स को 6 साल पहले बनाया गया था। जिले के सबसे बड़े फ्लड लाइट टेनिस बॉल क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन कार्डिनल चार्जर्स कार्डिनल कप के नाम से करती है जो एक राष्ट्रीय स्तर का टूर्नामेंट बनता जा रहा है। मध्यप्रदेश, ओड़िसा और महाराष्ट्र की टीमें इसमें खेलती है। कार्डिनल के युवा साल भर सुबह विश्वेश्वरैया मैदान में खेलते हैं। इसके साथ ही वो समाज कल्याण की अपनी भूमिका को समझते हैं। फिर चाहे वह छठ पूजा के समय तालाब, घाटों की सफाई हो या फिर जरूरतमंद की समान और मदद मुहैया करना हो।