गेल इंडिया द्वारा नागपुर से झारसुगुड़ा तक गैस पाइप लाईन बिछायी जायेगी। इस पाइप लाइन के जद में रायगढ़ जिले की जमीन भी आ रही है मगर इसके लिए काम शुरू होते ही किसानों ने विरोध का बिगुल फूंक दिया है। गुरूवार को पटेलपाली में जब गेल इंडिया के कर्मचारी पाइन लाइन बिछाने के लिए खोदाई का काम करने के लिए पहुंचे तो किसानों ने उनका विरोध किया और काम रूकवा दिया। किसानों का कहना है कि इससे उनकी बेशकीमती सिंचित जमीन चली जायेगी जबकि इसके एवज में उन्हें उचित मुआवजा तक नहीं दिया जा रहा है। हालांकि प्रशासन का कहना है कि इसके लिए पूर्व में ही सभी किसानों ने अपनी सहमति दे दी थी और इसके लिए अवार्ड भी पारित हो चुका है।
भारत सरकार के पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा नागपुर से लेकर झारसुगुड़ा तक गैस पाइप लाइन बिछाने का काम किया जा रहा है। यह काम गेल इंडिया द्वारा किया जा रहा है। यह पाइप लाइन रायगढ़ से होते हुये झारसुगुड़ा तक जायेगी जिसमें रायगढ़ जिले के कई किसानों की जमीन आयेगी। इसके लिए पहले से ही किसानों से अनुमति लेकर उनका अवार्ड भी पारित कराया जा चुका है। इसमें शहर से लगे पटेलपाली के भी 20 किसान हैं जिनकी जमीन इस पाइप लाइन की जद में आयेगी मगर गुरूवार 22 अगस्त को जब गेल इंडिया की टीम पाइप लाइन बिछाने की तैयारी करने के लिए पटेलपाली पहुंची और खोदाई का काम शुरू किया तो प्रभावित किसान सड़क पर उतर आये और पाइप लाइन बिछाने का विरोध करना शुरू कर दिया। किसानों का कहना था कि उन्होंने इसके लिए तीन महीने की मोहलत मांगी थी ताकि उनकी फसल को नुकसान न हो मगर ऐसा नहीं किया गया। इसके अलावा प्रशासन द्वारा जो मुआवजा उनके लिए तय किया गया है इससे वे संतुष्ट नहीं है। ऐसे में जब तक उन्हें बेशकीमती जमीन के एवज में उचित मुआवजा नहीं मिल जाता वे पाइप लाइन बिछाने नहीं देंगे। ऐसे में किसानों के विरोध की खबर मिलते ही पुलिस के साथ प्रशासनिक टीम भी मौके पर पहुंची गयी और किसानों को समझाने का प्रयास किया गया। प्रशासन का कहना है कि पाइप लाइन बिछाने के लिए सभी किसानों ने पहले से सहमति प्रदान कर दी थी और मुआवजा के लिए भी उनका अवार्ड पारित हो चुका है।
दरअसल, अभी-अभी खेतों में रोपाई का काम किया गया है और धान के पौधे आने शुरू हुये हैं। ऐसे समय में अगर खेतों में खोदाई का काम किया जायेगा तो किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा पाइप लाइन बिछाने का विरोध करने के पीछे किसानों की मुख्य वजह है कि पटेलपाली एनएच से लगा हुआ है गांव है बावजूद इसके शासन द्वारा यहां कम दर से किसानों की जमीन का मुआवजा तय किया गया है। यही वजह है कि किसान शासन-प्रशासन से उचित मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं।