धान खरीदी छत्तीसगढ राज्य सरकार का एक महत्वपूर्ण कार्य है, जिससे राज्य का बड़े वर्ग किसानो का हित जुड़ा होता है, लेकिन इस धान खरीदी के खेल में कितने झोल हैं, यह बात अब उजागर हो रही है। जितनी ज्यादा धान खरीदी उतना ज्यादा कमीशन का खेल,सक्ती जिले में पंद्रह लाख क्विंटल से ज्यादा की धान खरीदी हुई हैं। जिले के डभरा ब्लॉक के 22 धान खरीदी केंद्र प्रभारी ने पूर्व जिला नोडल अधिकारी अश्वनी पांडे एवं डभरा कोऑपरेटिव बैंक के सुपरवाइजर जीपी राव पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
खरीदी केंद्र प्रभारियों का कहना है कि उन्हें प्रत्येक क्विंटल में हमाल खर्च राशि प्राप्त होती है,जिसका उन्हें बैंक के माध्यम से राशि प्राप्त होता है, लेकिन जब इस राशि को बैंक सुपरवाइजर जीपी राव के माध्यम से मांग कर रहे हैं, तो प्रति क्विंटल चार रुपए कमीशन मांगा जा रहा है। आरोप लगाने वाले 22 खरीदी केंद्रों के कुल खरीदी किए गए धान के आधार पर कमीशन का आंकलन किया जाए तो यह राशि 37 लाख रुपए होती हैं। प्रभारियों का आरोप है कि पूरा खेल पूर्व नोडल एवं बैंक सुपरवाइजर जीपी राव और उनके एक एजेंट के द्वारा यह राशि मांग की जा रही है।
प्रभारियों का आरोप है की यह कमीशन मांगने वाले अधिकारी उन पर दबाव बना रहें हैं। यह राशि बैंक के उच्च अधिकारियों से लेकर जिले के आला अधिकारी और मंत्री तक राशि पहुंचाई जाती है, इसलिए सबको देना अनिवार्य है। राज्य सरकार के इस महत्वपूर्ण योजना में अगर अधिकारी इस तरह से कमीशन बाजी करेंगे तो निश्चित तौर पर यह राज्य सरकार की छवि धूमिल करने वाला कार्य होगा। मामले में बैंक सुपरवाइजर जीपी राव का कहना है की, प्रभारियों द्वारा जीरो शॉर्टेज नहीं किया गया है,उनसे पहले जीरो सार्टेज करने के पश्चात हमाल राशि भुगतान करने को कहा गया तो,इस पर प्रभारियों के द्वारा राशि की मांग करने का झूठा आरोप लगाया जा रहा है।