मेडिकल कॉलेज तक सिटी बस सेवा आज तक शुरू नहीं हो सकी है. जबकि इसका प्रस्ताव डेढ़ साल पहले बन गया था. नगर निगम और परिवहन विभाग बस सेवा को लेकर संजीदा नहीं हैं. जिसके चलते आज मरीज ज़्यादा पैसे खर्च कर मेडिकल कॉलेज में इलाज कराने पहुंच रहे हैं.

मेडिकल कालेज को जिला अस्पताल से शिफ्ट हुए डेढ़ साल बीत गए हैं…लेकिन अभी तक यहां पहुंचने के लिए बस सेवा शुरू नहीं हो सका है. जिससे उपचार कराने आने वाले मरीज व उनके परिजनों को या तो आटो करके जाना पड़ रहा है, या मजबूरीवश निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है. जिससे शासन से मिलने वाली सुविधाओं से भी वंचित हो रहे हैं. मेडिकल कालेज अस्पताल को जब नए भवन में शिफ्ट किया गया तो मरीजों की परेशानी को देखते हुए तात्कालिन कलेक्टर भीम सिंह ने कहा था कि यहां तक बस सेवा शुरू कराया जाएगा.. ताकि मरीजों व उनके परिजनों को परेशान न होना पड़े. लेकिन इस बीच कई कलेक्टर बदल गए… पर स्थिति जस की तस बनी हुई है. अब तो स्थिति यह हो गई है कि मेडिकल कॉलेज तक पहुंचने के लिए साधन नहीं होने के कारण दूर-दराज के मरीज पहुंच नहीं पा रहे हैं. वहीं कई बार मरीज बगैर उपचार कराए ही वापस लौट जा रहे हैं. क्योंकि शहर मेडिकल कालेज तक जाने के लिए आटो चालक भी एक तरफ से 200 से 300 रुपए तक की मांग करते हैं.जिससे गरीब तबके के मरीज यह खर्च वहन नहीं कर पाते. अगर किसी तरह एक बार यहां तक पहुंच भी जाते हैं तो जांच या दवाईयों की जरूरत पडऩे पर उनको शहर तक आना पड़ता है. जिससे बार-बार आने-जाने की समस्या के चलते कई मरीज आधे-अधूरे उपचार कराकर जाने को मजबूर हो रहे हैं. इसके बाद भी आमजनों की परेशानी को जिला प्रशासन द्वारा अनदेखी किया जा रहा है.

मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा बस सेवा शुरू करने के लिए नगर निगम को कई बार पत्राचार किया जा चुका है. लेकिन यह अभी तक शुरू नहीं हो सका है. जिसके चलते यहां मरीजों की संख्या में कमी है. वहीं ज्यादतर मरीज साधान के अभाव में निजी अस्पतालों में उपचार करा कर चले जाते हैं. ऐसे में अगर बस सेवा शुरू होती तो कम खर्च में बेहतर उपचार की सुविधा मिलने से मरीज व परिजन दोनों को राहत मिलती. मगर प्रशासन का ध्यान नहीं है.
