किसान खेत मे तो बोवाई कर पा रहे हैं… और ना ही रोपाई हो रही है. किसानों को बारिश का बेसब्री से इंतजार है.
कुछ दिनों पहले जोरदार बारिश के बाद किसानों ने ताबड़तोड़ बोवनी कर दी थी.. लेकिन अब मानसून रूठा सा लग रहा है. इससे मानसून किसानों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है. आठ दिन से बारिश की बून्द नहीं पड़ने के कारण किसानों को दोबारा बोवनी का संकट नजर आने लगा है. कुछ किसान जलस्रोतों के माध्यम से सिंचाई कर फसल बचाने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि, तेज धूप के कारण उन्हें यह कोशिश भी बेकार लग रही है. किसानों का कहना है कि अगले चार-पांच दिन में बारिश नहीं हुई तो बड़े हिस्से में पहले चरण की बोवनी बेकार चली जाएगी. जुलाई के शुरुआती दिनों मे बारिश के बाद ही सैकड़ो हेक्टेयर मे बोनी कर दी गई. जहां पौधे आ गए हैं. लेकिन इन दिनों बारिश के अभाव और तेज धूप में फसल मुरझाने लगे हैं. गुरुवार को हमने आसपास के कई इलाकों मे फ़सल की हालत देखी. वहीं किसानों से बातचीत करने पर उन्होंने अपना पीड़ा बताते हुए कहा…
इस वर्ष देर से बारिश होने के चलते कृषि कार्य में लेट हुआ, और कृषि कार्य प्रारंभ होने के बाद मौसम की दगाबाजी किसानों के लिए मुसीबत का कारण बन गया है. आज किसानों की खेतों की स्थिति दयनीय है. किसान बड़ी मुश्किल से खेतों में फसल लगाये हैं. लेकिन अब ज़ब पौधों के बढ़ने का समय आया है तो पानी की कमी के चलते अब फसल मरने के कगार पर है. दूसरी तरफ कई किसान तो फ़सल भी नहीं लगा सके हैं.