तेलीबांधा में शनिवार को निर्माण से जुड़ी पीआरए ग्रुप कंपनी के दफ्तर के बाहर फायरिंग करने वाले बदमाशों ने कार में ड्राइवर के साथ बैठे सुपरवाइजर को कारोबारी समझ लिया और गोलियां चला दीं। बदमाशों ने पूरी प्लानिंग के साथ यह हमला किया था। ये लोग दो दिन से कारोबारी की रेकी कर रहे थे। कारोबारी घर से किस रूट से दफ्तर जाता है? दफ्तर के अलावा कहां-कहां जाता है? इसकी रेकी करने के साथ उसका वीडियो बनाया और फोटो भी ली।
उसके बाद सुबह 10.30 बजे से 11 बजे के बीच कारोबारी की कार पर फायरिंग करने का समय तय किया। इन दोनों बदमाशों के दो दिन पुराने फुटेज पुलिस को मिले हैं। फायर करने के बाद दोनों बदमाशों ने श्याम नगर के पास बाइक खड़ी कर दी। वहां से ऑटो से स्टेशन पहुंच गए और गायब हो गए। पुलिस ने उस ऑटोवाले को भी तलाश लिया है।
भास्कर इन्वेस्टिगेशन में पता चला है कि कारोबारी राजेश अग्रवाल सुबह 10.30 बजे अमलीडीह स्थित अपने निवास से दफ्तर पहुंचे। कार से उतरकर दफ्तर के भीतर चले गए। ड्राइवर गोविंद क्षत्रिय और सुपरवाइजर राहुल वर्मा दोनों दफ्तर से बाहर आए। दोनों अग्रवाल की ब्लू रंग की मर्सिडीज में फ्यूल डलवाने जा रहे थे। दोनों जैसे ही कार में बैठे अचानक फायरिंग हो गई। दोनों डर गए। बाइक सवार शूटर ने कार में गोली चलाई। एक बुलेट कार की बोनट से टकराकर सामने के कांच में लगी। इससे कांच में छेद हो गया। शूटरों ने दूसरा फायर हवा में किया।
इस दौरान कार में बैठे राहुल और गोविंद ने चीखपुकार मचाई। उनकी आवाज सुनकर भीतर से सुरक्षा गार्ड दौड़ते हुए। वे तुरंत माजरा समझ गए। उन्होंने अपनी दो नाली बंदूक से शूटरों पर फायर कर दिया, लेकिन तब तक शूटर उनकी पहुंच से दूर जा चुके थे। वहां से शूटर श्याम नगर चौक पहुंचे और वहां बाइक को रोड किनारे खड़ी कर दिया। शूटर वहां से वे ऑटो में बैठकर सीधे स्टेशन चौक पहुंचे। वहां वे ऑटो वाले को भाड़ा देकर स्टेशन की ओर चले गए। उसके बाद पुलिस रेलवे स्टेशन के आसपास के इलाके में सर्चिंग कर रही है। रात 2 बजे तक पुलिस की इलाके में सर्चिंग चल रही थी।
ट्रेन से भागने का शक, इसलिए खंगाल रहे यात्रियों का रिकॉर्ड
पुलिस को स्टेशन के पास ऑटो का फुटेज मिला। उसके बाद पुलिस ऑटो वाले तक पहुंच गई। ऑटो वाले ने पुलिस को बताया कि श्याम नगर में दोनों शूटर ने गाड़ी बुक की थी। वह उन्हें केनाल रोड से स्टेशन लेकर आया। उनके आसपास और भी लोग थे। स्टेशन के पास उन्हें छोड़कर चला गया। दोनों ने चेहरे पर नकाब लगाया था। दोनों ने टोपी भी पहनी थी। पुलिस सुबह 11.30 बजे से दोपहर 1.30 बजे के बीच स्टेशन के आसपास लगे कैमरे का फुटेज खंगाल रही है। इस दौरान रायपुर रेलवे स्टेशन से गुजरने वाले ट्रेनों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। रेलवे से रिजर्वेशन सूची भी मांगी गई है।
आरपीए ग्रुप में आधा दर्जन से ज्यादा पार्टनर : पुलिस के अनुसार आरपीए ग्रुप का कई तरह का कारोबार है। इसमें आधा दर्जन से ज्यादा पार्टनर है। कुछ पार्टनर रायगढ़, कोरबा, सूरजपुर और अंबिकापुर में रहते हैं। घटना के बाद से पुलिस ने सभी को अलर्ट कर दिया है। हालांकि सभी पार्टनर के पास निजी सुरक्षा गार्ड भी हैं। उनके घरों में भी सुरक्षा है।
रायपुर में कराई गई बाइक की व्यवस्था
पुलिस की प्रारंभिक पड़ताल में खुलासा हो गया कि है कि दो दिन पहले दोनों शूटर अलग-अलग रायपुर पहुंचे। रायपुर में ही उन्हें झारखंड की बाइक उपलब्ध कराई गई है। यहीं उन्हें पिस्टल दिया गया है। पुलिस के अनुसार दोनों शूटरों के अलावा उनकी दूसरी टीम भी मौजूद थी। उसी टीम ने शूटरों के रूकने, खाने से लेकर आने-जाने की व्यवस्था की है।
इस बार भी दी गई सुपारी
पुलिस के अनुसार अमन के कहने पर इस बार भी मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा ने कारोबारी के दफ्तर और कार में फायरिंग करने की सुपारी दी है। इस बार भी जिन लोगों को रायपुर भेजा गया है वे आपस में एक-दूसरे को नहीं जानते हैं। उनकी रायपुर में मुलाकात हुई है। शूटरों के पकड़े जाने के बाद ही खुलासा होगा कि उनके और मयंक सिंह के बीच की कड़ी कौन है। क्योंकि आरोपियों का आपस में कोई लिंक नहीं है।
गुढियारी के आसपास छिपे होने का शक
पुलिस को शक है कि शूटर अगर ट्रेन से नहीं भागे तो गुढियारी के आसपास छिपे होंगे। इसलिए स्टेशन के पास भी बाहरी और अनजान लोगों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। स्टेशन रोड के आस-पास की होटल, लॉज और धर्मशाला में ठहरने वालों का रिकार्ड चेक किया जा रहा है। देर रात तक पुलिस को शूटरों का सुराग नहीं मिला था।