लोकसभा चुनाव के रण में भाजपा एक कदम आगे चल रही है. न सिर्फ एक कदम आगे.. बल्कि भाजपा ने पत्ते खोलने के बाद प्रत्याशी को मैदान में भी उतार दिया है. भाजपा के सांसद प्रत्याशी राधेश्याम राठिया चुनाव को लेकर तैयारी में व्यस्त हैं. हर रोज वे दौरा कर रहे हैं. मगर यदि कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. जिससे रायगढ़ लोकसभा सीट में चुनाव के पहले वाली तैयारी फिलहाल नजर नहीं आ रही है. हालांकि टिकट की दौड़ में प्रत्याशियों की फ़ौज जरूर है. रायगढ़ राजपरिवार की जयमाला सिंह के अलावा मेनका सिंह, रामनाथ सिदार और धरमजयगढ़ विधायक लालजीत सिंह राठिया का पलड़ा मजबूत माना जा रहा है. हालांकि विधायक लालजीत सिंह ने लोकसभा चुनाव में लड़ने के लिए तैयार नहीं हैं. इसके बाद पार्टी द्वारा जशपुर क्षेत्र से आदिवासी चेहरे की तलाश हो रही है. हालांकि इस चुनाव में रायगढ़ और सारंगढ के प्रत्याशियों को प्राथमिकता मिलने की बात कही जा रही है. कांग्रेस द्वारा प्रत्याशी चयन में देरी को लेकर कई बातें हो रही हैं. कहा जा रहा है कि विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस सुस्त पड़ी है. इसलिए लोकसभा चुनाव की तैयारी कमजोर पड़ गई है. हालांकि कांग्रेस ने इन सब बातों से इंकार करते हुए कहा है कि बहुत जल्द प्रत्याशी का चयन होगा. इसके बाद आगे की रणनीति बनाई जाएगी. रही बात भाजपा के प्रत्याशी चयन की.. तो भाजपा घबराई हुई है. इसलिये चयन में जल्दबाजी हुई. 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी. जशपुर और रायगढ़ विधानसभा की सभी सीटों पर कांग्रेस का कब्जा था. बावजूद इसके तब कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था. तब गोमती साय और लालजीत सिंह राठिया के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा हुई थी. जिसमे लालजीत राठिया हारे थे. अब जबकि प्रदेश में भाजपा की सरकार है.. इसके बाद भी कांग्रेस का पत्ता न खुलना कई सवाल खड़ा कर रही है.