राज्य सरकार ने अपने बजट सत्र मे आदर्श अस्पताल की घोषणा तो कर दी. मगर अस्पताल की सुधार की दिशा मे कोई कदम नहीं उठाया गया है. जिला अस्पताल को आदर्श अस्पताल बनाया जाना है. लेकिन फंड नहीं मिलने से अस्पताल की व्यवस्था जस की तस बनी हुई है. अस्पताल प्रबंधन को राज्य सरकार से मिलने वाले फंड का इंतजार है.

राज्य सरकार ने इस वित्तीय वर्ष के बजट सत्र मे प्रदेश के 6 अस्पतालो को आदर्श अस्पताल बनाने की घोषणा की थी. जिसमे रायगढ़ का जिला अस्पताल भी शामिल है. बजट सत्र के बाद लोकसभा चुनाव सम्पन्न हो चुका है.. लेकिन सरकार ने आदर्श अस्पतालो की सुध नहीं ली है. अस्पतालो को प्रारंभिक स्तर मे 3-3 करोड़ रुपए देने की बात कही गई थी. मगर अभी तक सरकार ने उस राशि को भी नहीं दिया है. रही बात अस्पताल के जीर्णोद्धार की.. तो उसे भी आदर्श अस्पताल योजना के तहत करना है. मगर फिलहाल, सरकार ने अभी तक फंड मुहैया नहीं कराई है. जिससे जिला अस्पताल अब भी बदहाल है. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि सरकार से मदद की उम्मीद है. मगर अभी तक मदद नहीं मिली है.
बीते फरवरी मे बजट सत्र के दौरान सरकार ने छत्तीसगढ़ मे आदर्श अस्पतालो का ऐलान किया था. आदर्श अस्पताल बनने के बाद जिला अस्पताल में माकूल व्यवस्था होंगी. वहीं आदर्श अस्पताल बनने के बाद केजीएच रेफेरल सेंटर भी नहीं बनेगा. क्योंकि यहां सुविधाएं बढ़ेगी. बता दें रायगढ़ का जिला अस्पताल आज भी मरीजों का भरोसा बना हुआ है. यही वजह है कि जिला अस्पताल की ओपीडी आज भी सैकड़ो से ऊपर जाती है. लेकिन अब इस अस्पताल में पहले जैसी सुविधाएं नहीं है. मरीजों की बढ़ती संख्या के बावजूद यहां संसाधन नहीं है. स्टॉफ और इलाज का भी अभाव बना हुआ है. कहने को यह 300 बेड का है. मगर मौके पर 60 बेड ही मिल जाएं तो बहुत है. आधे-अधूरे इंतजामों के साथ चल रहे इस अस्पताल को आदर्श अस्पताल बनने के लिए फंड का इंतजार है.
