जिला प्रशासन द्वारा इसके लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई है। सोमवार को चक्रधर समारोह के आयोजन को लेकर ही प्रशासन द्वारा आयोजन समिति से जुड़े तमाम लोगों की एक बैठक ली गई और उनसे आयोजन को लेकर सुझाव लिये गये। संगीम सम्राट राजा स्व. चक्रधर सिंह की याद में रायगढ़ में सांस्कृतिक महोत्सव चक्रधर समारोह मनाने की एक गौरवशाली परंपरा चली आ रही है। हालांकि कोरोना काल के बाद कुछ सालों के लिए आयोजन पर ब्रेक लग गया और पिछले साल भी कुछ कारणों वश इस आयोजन को चंद दिनों के लिए ही सीमित कर दिया गया मगर इस साल पुनः जिल प्रशासन ने चक्रधर समारोह को उसकी गरिमा के अनुरूप मनाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए सोमवार को कलेक्टर और एसपी ने आयोजन समिति से जुड़े तमाम सदस्यों की बैठक ली और आयोजन को लेकर उनके विचार और सुझाव लिये गये। बैठक में कलेक्टर ने बताया कि इस साल भी परंपरा के अनुसार चक्रधर समारोेह का आगाज गणेश चतुर्थी के दिन 7 सितंबर को किया जायेगा।
कलेक्टर ने आयोजन समिति से जुड़े सदस्यों से इस आयोजन के लिए तीन बिन्दुओं पर सुझाव मांगे, पहला चक्रधर समारोह कहां और क्यों होना चाहिये, दूसरा यह आयोजन कितने दिनों का होना चाहिये और तीसरा समारोह में किस प्रकार के कलाकारों को आमंत्रित किया जाना चाहिये। हालांकि इस बैठक में कुछ लोगों ने चक्रधर नगर समारोह का आयोजन नगर निगम के ऑडिटोरियम में करने की बात कही जबकि अधिकांश लोग समारोह के गरिमा के अनुरूप इसका आयोजन रामलीला मैदान में किये जाने पर जोर दिया ताकि अधिक से अधिक लोग इस आयोजन से जुड़ सकें। कुछ लोगोें ने यह भी सुझाव दिये कि इस समारोह में स्थानीय कलाकारों को भी मंच प्रदान किया जाना चाहिये ताकि उनकी कला को प्रोत्साहन मिल सके। ऐसे में कलेक्टर ने आश्वासन दिया कि चूंकि चक्रधर समारोह की ख्याति प्रदेश के साथ देश और विदेशों तक फैली हुई है लिहाजा इस साल समारोह की गरिमा के अनुरूप ही इसका आयोजन किया जायेगा और बहुत जल्द यह तय कर लिया जायेगा कि आयोजन कहां और कितने दिन का रखा जायेगा। इसके साथ ही उन्होंने चक्रधर समारोह के आयोजन में हर समाज और वर्ग को सहयोग करने की भी अपील की गई।
